Udaipur Murder case:कन्हैयालाल की मौत के लिए सिर्फ मुस्लिम युवक ही नहीं पुलिस भी जिम्मेदार! जानिए पूरा मामला

उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर में मंगलवार दोपहर को हुई इस घटना ने सभी के होश उड़ा दिए हैं। दरअसल, पिछले दिनों पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली नुपुर शर्मा के समर्थन में एक दुर्घटना पोस्ट के कारण कट्टरपंथियों ने दर्जी कन्हैयालाल का गला काट दिया। बताया जा रहा है कि कपड़े सिलने के बहाने दुकान में घुसे आरोपियों ने भी पूरी घटना को कैमरे में कैद कर लिया और फिर दो वीडियो जारी कर पीएम मोदी को भी जान से मारने की धमकी दी।
कैसे शुरू हुआ ये विवाद- दरअसल सारा विवाद नूपुर शर्मा को लेकर हुए हंगामे के दौरान शुरू हुआ था। हुआ यूं कि कन्हैयालाल के मोबाइल से नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट वाट्सएप पर फॉरवर्ड किया गया। जी हां, और कन्हैया ने दावा किया था कि यह पोस्ट उनके 8 साल के बेटे ने गलती से कर दिया था। हालांकि, तभी से कन्हैया को धमकियां मिलने लगी थीं। इस मामले में राजस्थान के एडीजी कानून व्यवस्था हवा सिंह घुररिया ने कहा कि कन्हैयालाल की पोस्ट से आहत कुछ लोगों ने उदयपुर में पुलिस को शिकायत दी।
वहीं पुलिस ने 10 जून को कन्हैयालाल के खिलाफ मामला दर्ज कर उसी दिन गिरफ्तार कर लिया, हालांकि कन्हैया को अदालत में पेश होने के बाद जमानत मिल गई। कन्हैयालाल के जमानत पर छूटने के बाद से उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। दरअसल, कट्टरपंथियों ने उसे फोन कर और मैसेज कर जान से मारने की धमकी देना शुरू कर दी। 15 जून को कन्हैया ने शिकायत के साथ पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि उन्हें धमकी मिली है, जिसकी पुष्टि खुद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने की है। पिछले दिनों कन्हैयालाल को गिरफ्तार करने में चुप्पी साधे रहने वाली पुलिस उन्हें मिली धमकियों पर सुस्त हो गई और कोई कार्रवाई नहीं की।
जी हाँ, मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने धमकियों को गिरफ्तार करने की बजाय थाने बुलाया और समझौता करा दिया। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर घर भेज दिया, लेकिन कन्हैयालाल को मिली धमकियों को नजरअंदाज करते हुए उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। उसके बाद 17 जून को आरोपी मोहम्मद रियाज ने वीडियो बनाकर ऐलान किया कि पैगंबर की शान से नाराज शख्स का सिर धड़ से अलग कर देगा। हाँ, और जैसा उसने कहा, वैसा ही किया। अपनी घोषणा के 11वें दिन उसने अपने साथी गौस मोहम्मद के साथ मिलकर कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या कर दी।