पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों की गिरफ्तारी पर ₹20 लाख का इनाम, 26 निर्दोषों की गई जान

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श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर: पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। अनंतनाग जिले के बैसरन इलाके में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए। यह क्रूरता अपने आप में दिल दहला देने वाली है और अब सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों की धरपकड़ तेज कर दी है।

अनंतनाग पुलिस ने बुधवार को हमले में शामिल आतंकवादियों की पहचान बताने पर ₹20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “जो कोई भी इस कायरतापूर्ण हमले में शामिल आतंकियों के खिलाफ निर्णायक सूचना देगा, उसे ₹20 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।”

पुलिस ने जिन आतंकियों की पहचान की है, उनमें लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक आदिल हुसैन थोकर, अली भाई और हाशिम मूसा शामिल हैं। इन पर हमले की साजिश रचने और लोगों की बेरहमी से हत्या करने का आरोप है।


इसके अलावा, तीन संदिग्ध आतंकवादियों के स्केच भी जारी किए गए हैं। इन संदिग्धों के नाम हैं - आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा, जिनके कोड नाम मूसा, यूनुस और आसिफ बताए गए हैं। बताया जा रहा है कि ये तीनों पहले भी पुंछ क्षेत्र में आतंकी घटनाओं में शामिल रह चुके हैं। यह स्केच हमले में बचे चश्मदीदों की मदद से तैयार किए गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी, जिससे यह हमला केवल आतंकवाद नहीं बल्कि सांप्रदायिक घृणा का भी प्रतीक बन गया है। इस हमले के कई भावनात्मक और झकझोर देने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आ चुके हैं, जो जनता के आक्रोश और दुःख को और बढ़ा रहे हैं।

इस हमले की जिम्मेदारी कथित तौर पर 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' नामक आतंकी संगठन ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा संगठन माना जाता है।

जनता और सुरक्षा विशेषज्ञों ने सरकार से मांग की है कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और पर्यटन स्थलों की सुरक्षा को और सख्त किया जाए।

यह हमला न केवल जम्मू-कश्मीर की शांति पर हमला है, बल्कि देश की अखंडता और नागरिकों की सुरक्षा पर भी एक गंभीर चुनौती है।

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