क्या आपने देखा है ऋषिकेश का ये सबसे शांत और पवित्र स्थान

v

ऋषिकेश से 25 किलोमीटर स्थित वशिष्ठ गुफा बहुत शांत एवं पवित्र स्थान है। यह गुफा महान ऋषि वशिष्ठ जी की है जो सप्तऋषियों में से एक थे। वशिष्ठ ऋषि भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र थे और भगवान राम के गुरु थे। माना जाता है कि वशिष्ठ ऋषि यहां पर तपस्या किया करते थे। इस गुफा को ध्यान के लिए सबसे अच्छा स्थान माना जाता है। गुफा के नजदीक ही वशिष्ठ आश्रम है, यहाँ का सुंदर दृश्य और शांत वातावरण पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। गुफा गंगा नदी के तट से कुछ ही दूरी पर स्थित है जहाँ पर्यटक गंगा स्नान का भी आनंद ले सकते हैं। वर्तमान में वशिष्ठ गुफा  की देखरेख स्वामी पुरुषोत्तमानन्द ट्रस्ट द्वारा की जाती है।

a

वशिष्ठ गुफा का इतिहास - 
वशिष्ठ गुफा के इतिहास के बारे में तो कोई विशेष तथ्य उपलब्ध नहीं है लेकिन एक पौराणिक कथा इस स्थान से अवश्य जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार "वशिष्ठ ऋषि अपने बच्चों की मौत के बाद यहाँ गंगा नदी में आत्महत्या करने के लिए आए थे लेकिन गंगा मैया ने उन्हें जीवनदान दे दिया। बाद में वशिष्ठ ऋषि की पत्नी अरुंधति ने यहाँ की खूबसूरती देखते हुए यहीं रहने का निश्चय किया और वशिष्ठ ऋषि यहीं पर ध्यान करने लगे। साल 1930 में स्वामी पुरुषोत्तमानन्द यहाँ ध्यान करने आए और इस स्थान की देखरेख करने लगे।

v

वशिष्ठ गुफा मे क्या देखे -
गुफा के अंदर एक शिवलिंग स्थापित है जो श्रद्धालुओं का प्रमुख आकर्षण है।

वशिष्ठ गुफा सलाह -
वशिष्ठ गुफा दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक बंद रहती है

पर्यटक यहाँ कुछ शांतिपूर्ण समय व्यतीत कर सकते हैं

यहाँ की यात्रा के समय पानी की बोतल अपने साथ जरुर रखें

From Around the web