Health Tips: कहीं आपको भी तो नहीं है प्रिमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर की शिकायत? जानें इसके लक्षण और ठीक करने के तरीके....!!!

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 कई महिलाओं को पीरियड शुरू होने से पहले पेट और कमर के आसपास तेज दर्द, झुंझलाहट पैनिक अटैक, गैस जैसी समस्याएं होने लगती हैं जो उनकी नॉरमल लाइफ स्टाइल को काफी प्रभावित करते हैं। इसे प्रिमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम कहां जाता है। एक न्यूज़ के अनुसार शोध में पाया गया है कि लगभग 90% महिलाएं पीरियड के दौरान प्रिमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम को एक्सपीरियंस करती हैं जिनमें से 5% औरतें ऐसी हैं जिनमें प्रिमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर यानी पीएमडीडी के लक्षण दिखाई देते हैं। वैसे तो इन दोनों के लक्षण एक जैसे ही होते हैं अगर इनमें अंतर खोजें तो पीएमडीडी के लक्षण अधिक स्ट्रांग और सीवियर होते हैं जो मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से महिलाओं की कार्य क्षमता को अधिक प्रभावित करता है।

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प्रिमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर से जुड़े कुछ तथ्य -:
● पीएमडीडी की समस्या होने पर मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है।
● पीएमएस की तुलना में पीएमडीडी कम देखने को मिलते हैं।
● पीएमडीडी के लक्षण पीरियड होने के करीब 15 दिन पहले से ही असर दिखाना शुरू कर देते हैं।
● पीएमडीडी के लक्षण मेनोपॉज के समय तक रह सकते हैं।


प्रिमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर के लक्षण -:
 इसमें अत्यधिक थकान, चिड़चिड़ापन, घबराहट, अवसाद, मूड स्विंग्स होना, ब्रेस्ट टेंडर्नेस, शरीर में ऐंठन, नींद ना आना, पेट में सूजन, गैस की समस्या, सिर दर्द, पीठ दर्द, जोड़ों व मांसपेशियों का दर्द होता है। इसके अलावा इसमें वजन बढ़ना, घुटनों में सूजन, मुहांसे, सूजन, खुजली आदि भी होते हैं।

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प्रिमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर के लक्षणों को इस तरह करें ठीक -: दवाओं और लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर पीएमडीडी के लक्षणों को कम कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको गायनोकोलॉजिस्ट से बात करनी होगी और दवाएं शुरू करनी होगी। इसके अलावा आप अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव करके भी इसमें आराम पा सकते हैं।


 योगा एक्सरसाइज फायदेमंद : आप पीएमडीडी के लक्षणों को कम करने के लिए योगा, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, सेल्फ हायफसिस, मसाज थेरेपी, एक्यूपंचर की मदद ले सकती हैं।


 डाइट पर दे ध्यान -: आपको अपनी डाइट में चीनी नमक कैफीन और अल्कोहल की मात्रा को कम से कम करना होगा। इसके अलावा खाने में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ानी होगी।


तनाव दूर करें -: आपको उन चीजों को अपनी जिंदगी में शामिल करना होगा जिसको आप को करना पसंद है। जैसे किताबें पढ़ना, ड्रॉइंग, पेंटिंग, गेम खेलना, वॉक करना आदि।

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