हो जाइए सावधान, दिन प्रतिदन वायु प्रदुषण कर रहा है आपके दिमाग को कमजोर

वायु प्रदूषण

बढ़ता वायु प्रदूषण आपके मस्तिष्क की कार्य करने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। प्रदूषण का बढ़ता स्तर लोगों की उत्पादकता को भी कम करता है। यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के शोध से पता चला है कि गंभीर वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग कुछ समय के लिए मस्तिष्क की क्षमता को प्रभावित करते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के शोधकर्ता डॉ. आंद्रा ला नोज के अनुसार, आंकड़ों का अध्ययन करने पर पता चला कि वायु प्रदूषण ने युवाओं की काम करने की क्षमता को नुकसान पहुंचाया है। मस्तिष्क हर छोटी क्रिया को संग्रहीत करता है।

वायु प्रदूषण


प्रदूषण मस्तिष्क की क्षमता को प्रभावित करता है। लोगों को कुछ नया सीखने में भी अधिक समय लगता है। हवा में पीएम 2.5 कणों का आकार बहुत छोटा होता है। इतना छोटा कि ये सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं। यहीं से यह रक्त में मिल कर हृदय में चला जाता है। जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। शोध से पता चला है कि 50 साल से कम उम्र के लोग वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। प्रदूषण भी इन लोगों के प्रदर्शन को दिन-ब-दिन प्रभावित करने की संभावना है।

दिमाग


शोध में पाया गया है कि प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर लोगों की याददाश्त पर पड़ता है। इसका साफ मतलब है कि प्रदूषण दिमाग को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। जिन व्यवसायों या गतिविधियों में विश्वास या स्मरण की आवश्यकता होती है, उनके प्रभावित होने की संभावना है। डॉ. आंद्रे ला नोज के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में रोजाना बड़ी संख्या में जंगल में आग लगने की खबरें आ रही हैं। 

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