Parenting tips: अच्छे माता-पिता बनने के कुछ आसान टिप्स

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अच्छे माता पिता बनने के तरीके कई हो सकते हैं। आज हम आपके लिए इस आर्टिकल के जरिये अच्छे माता पिता बनने के लिए टिप्स लेकर आए हैं। इनसे पॉजिटिव पेरेंटिंग में मदद मिलेगी और बच्चों को सही मार्ग दर्शन भी दे पाएंगे। 

गुस्सा करने से बचें : अक्सर माता-पिता अपने आपसी झगड़े का गुस्सा अपने बच्चे पर निकाल देते हैं। ऐसे में कभी-कभी बच्चों को उन बातों के लिए सजा मिल जाती है, जिसे आसानी से नजरअंदाज किया जा सकता है। बस तो माता-पिता को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों को अनुशासन सिखाते वक्त अपने पर्सनल या ऑफिस का गुस्सा उन पर न निकालें।

बच्चों को लालच देने से बचें : माता-पिता अक्सर बच्चों को शरारत करने से रोकने के लिए खिलौने या उनके पसंदीदा खाना से जुड़ा लालच देने लगते हैं। ऐसे में बच्चे सही बर्ताव करने के बजाय अपनी डिमांड माता-पिता के सामने रखने की कोशिश करने लग सकते हैं। वो बार-बार अपनी पसंदीदा चीज न मिलने पर बदमाशियों को दोहराने की धमकी भी दे सकते हैं, इसलिए बच्चों को लालच देने की कोशिश न करें।

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ज्यादा रिएक्ट न करें : बच्चों की गलतियों पर माता-पिता अक्सर जोर-जोर से डांटने या चिल्लाने लगते हैं। ऐसे में बच्चा जब अपनी सफाई में कोई बात रखता है, तो वो माता-पिता सुन नहीं पाते हैं। जब माता-पिता बच्चों पर चिल्लाते हैं, तो बच्चे भी उनकी बातें सुनना बंद कर सकते हैं। परिणामस्वरूप कई बार वे माता-पिता को तंग करने के लिए और ज्यादा शरारतें करने लगते हैं। ऐसे में बेहतर है कि उनकी किसी गलती पर ज्यादा रिएक्ट करने से बचें। ज्यादा हो, तो उन्हें उनकी गलतियों पर छोटी-मोटी सजा जैसे कि उनका कमरा उनसे साफ कराना, खेलने जाने से रोकने की बात कहकर उन्हें डराना कर सकते हैं।

प्यार से पेश आएं : बच्चे अपने मन की बात अक्सर किसी को नहीं बताते हैं। ऐसे में बच्चे को यह एहसास कराएं कि आप उनकी भावनाओं को समझ सकते हैं। इसके अलावा, उनके खाने की पंसद के बारे में पूछें। उसे बैठकर खाना खिलाएं, जब बच्चा उदास हो, तो उन्हें गले लगाएं। इस तरह से अपना वक्त बच्चे के साथ बिताकर उसे अपने प्यार का एहसास दिलाएं।

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उनके साथ खेलें और कहानियां सुनाएं : बच्चों को अपना वक्त दें, उनके साथ खेलें, डांस करें और उन्हें कहानियां सुनाएं। माता-पिता का इस तरह से वक्त बिताना बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ावा दे सकता है। बस इस दौरान बच्चों का एक रूटीन जरूर बनाएं। सिर्फ उसी रूटीन टाइम में उनके साथ एक्टिविटी करें और बाकी के समय उन्हें पढ़ने व अन्य कार्य के लिए प्रेरित करें।

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