पितृ दोष शांति के लिए साल की अंतिम सोमवती अमावस्या पर करें ये उपाय

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30 मई सोमवार को सोमवती अमावस्या के साथ ही शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी किया जाएगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, सोमवती अमावस्या का शुभ योग साल में एक या दो बार ही बनता है। इस शुभ योग में तीर्थ स्नान कर जरूरतमंदों को दान करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। महाभारत में स्वयं भीष्म पितामाह ने इस तिथि का महत्व युधिष्ठिर को बताया है। ये दिन पितृ दोष के उपाय करने के लिए भी बहुत ही खास माना जाता है। आगे जानिए इसके बाद कब बनेगा ये शुभ योग पितृ दोष शांति के लिए क्या उपाय करें…

अब अगले साल बनेगा ये शुभ योग
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, साल 2022 में सोमवती अमावस्या का पहला संयोग 31 जनवरी को बना था दूसरा संयोग 30 मई को बनेगा। इसके बाद साल 2023 में 20 फरवरी को सोमवती अमावस्या का शुभ संयोग बनेगा। ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 29 मई, रविवार की दोपहर 02.54 मिनट से शुरू होगी, जो 30 मई की शाम 04.59 मिनट तक रहेगी।

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पितृ दोष शांति के लिए ये उपाय करें…
1. किसी तीर्थ स्थान पर जाकर पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण आदि कर्म करें। पूजा के बाद जरूरतमंदों को भोजन, कच्चा अनाज, कपड़े, बर्तन आदि चीजों का दान करें। इससे पितृ देवता प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।

2. सोमवती अमावस्या पर किसी ब्राह्मण को परिवार सहित भोजन पर बुलाएं। उनकी इच्छा अनुसार भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा देकर संतुष्ट होने के बाद ही उन्हें विदा करें। इससे भी पितृ प्रसन्न होते हैं।

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3. अमावस्या पर गाय को हरा चारा खिलाएं। मछलियों के लिए तालाब या नदी में आटे की गोलियां बनाकर डालें। अन्य पशु-पक्षियों के लिए भी भोजन की व्यवस्था करें। इससे पितृ तृप्त होते हैं और पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम होता है।

4. अमावस्या पर दूध में पानी और काले तिल मिलाकर पीपल पर चढ़ाएं। इसके बाद पीपल की पूजा और परिक्रमा करें। इससे पितृ दोष में आराम मिलता है। 

5. अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा करें और पितृ दोष निवारण के लिए प्रार्थना करें। इससे भी पेरशानियां कम हो सकती हैं।

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