Rochak News: मंदिर में घंटी बजाने से होते हैं ये अनोखे लाभ, जानकर नही होगा यकीन

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हम कभी न कभी मंदिर में तो जरुर जाते है। मंदिर एक ऐसी जगह है जहां हमें शांति का अनुभव होता है। जब मंदिर जाते है तो अपने साथ अगरबत्ती, धूप और प्रसाद भी ले जाते हैैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर आपने देखा होगा कि उस पर एक घंटी जरूर लगी होती है और मंदिर में प्रवेश करते समय आप उस घंटी को बजाते भी होंगे, लेकिन आपको शायद यह नहीं पता होगा कि आखिर मंदिर में घंटी क्यों लगाई जाती है और घंटी बजाने से क्या होता हैं। प्राचीन समय से ही यह मान्यता चली आ रही है कि मंदिर में घंटी बजाना शुभ होता है। मंदिर के द्वार पर आते ही हर व्यक्ति घंटी जरूर बजाता है। घंटी बजाने से बहुत लाभ होते हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आज हम आपको इन्हीं लाभों के बारे में बताने वाले हैं, तो आइए जानते हैं

मान्यता है कि जहां भी देवी देवताओं का वास होता है वहां पर घंटी बजाना शुभ होता है जब हम घंटी बजाते हैं तो वहां घंटी की ध्वनि से ओम का उच्चारण होता है और वह उच्चारण वहां के वातावरण को शुद्ध कर देता है। ओम शब्द हिंदू मान्यता के अनुसार एक पवित्र शब्द है। कुछ लोगों का मानना है कि बिना घंटी बजाएं ईश्वर की आरती और आराधना पूरी नहीं होती, और कुछ लोग तो यह भी मानते हैं कि अगर वह घंटी बजा कर अपने जिस भी भगवान का अहवान करेंगे उनकी दृष्टि उन पर पड़ेगी और उनकी प्रार्थना जरूर पूरी होगी। सिर्फ मंदिर ही नहीं घर पर पूजा करते समय भी घंटी जरूर बजानी चाहिए।

जानिए मंदिर में घंटी बजाने के लाभ :

1. मंदिर की घंटियां अनेक धातूओं से मिलकर बनी होती है जैसे तांबा पीतल कैडमियम जिंक नीकल आदि और जब भी हम घंटी बजाते हैं तो इसकी आवाज दूर तक गूंजती है और यह मधुर ध्वनि हमारे बाएं और दाएं दिमाग को संतुलित करती हैं जैसे ही घंटी की आवाज हमारे दिमाग तक जाती है तो हमारे दिमाग का संतुलन ठीक हो जाता है।

2. घंटी की आवाज से हमारी ज्ञानेंद्रियां एक्टिवेट हो जाती हैं और हमारे दिमाग में सकारात्मक विचार आने लगते है।

3. घंटी की आवाज से हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और हमारा मन प्रफुल्लित हो जाता है अगर हमारे शरीर को सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी तो उसकी स्मरण शक्ति और कार्य करने की शक्ति दोनों ही अच्छे तरीके से काम करेंगी।

4. घंटी की आवाज से हमारा मस्तिष्क एक दम चौकन्ना हो जाता है और हमारे दिमाग की नसे खुल जाती है और उनका रक्त प्रवाह भी संतुलित हो जाता है।

5. अगर किसी को सुनने की शक्ति कमजोर है तो घंटे की आवाज से कुछ हद तक उसकी नसे खुल सकती है और उसके सुनने की शक्ति बढ़ जाती हैं लेकिन जरूरी नहीं कि ऐसा हर बार हो। मंदिर में घंटी बजाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है, कहते हैं कि घंटी बजाने से आसपास जितने भी बैक्टीरिया और वायरस होते हैं वह सभी मर जाते हैं। इसलिए हम तो यही कहेंगे कि जब भी आप मंदिर में जाएं तो घंटी जरूर बजाएं। सभी तरह से घंटी की आवाज सुखदायी और फलदायी होती है।

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