नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संयुक्त महासचिव ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को केवल एक धार्मिक मामला नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति से जुड़ा मुद्दा करार दिया है। राम मंदिर की भूमि पूजन 5 अगस्त को अयोध्या में प्रस्तावित है और कोरोना महामारी के कारण कई राजनीतिक दलों ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं।
संघ के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा है, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण केवल एक धार्मिक मामला नहीं है, यह भारत की समृद्ध संस्कृति से जुड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि जो लोग मंदिर के निर्माण का विरोध करते हैं, वे आमतौर पर इसके लिए धर्मनिरपेक्षता के बहाने का सहारा लेते हैं, लेकिन वे इसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं। होसबोले ने कहा है कि राम मंदिर के साथ सरकार का संबंध केवल कानूनी या प्रशासनिक संबंध नहीं है। लोगों के प्रतिनिधि होने के नाते, सरकार की कुछ सांस्कृतिक जिम्मेदारियां हैं।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सरकार की समान सांस्कृतिक जिम्मेदारियों में शामिल है। 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन समारोह प्रस्तावित है। इस खास मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी भी अयोध्या पहुंच रहे हैं। इस दौरान सभी संतों के अलावा यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।
