गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों के लिए कोरोना का है सबसे अधिक खतरा, शोध में हुआ खुलासा

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अमेरिकी सरकार द्वारा किए गए एक बड़े अध्ययन से पता चला है कि जो गर्भवती महिलाएं कोरोना से संक्रमित होती हैं, उनमें उन गर्भवती महिलाओं की तुलना में प्रसव के दौरान समस्या होने की संभावना अधिक होती है जो कोरोना से संक्रमित नहीं होती हैं। कोरोनरी हृदय रोग वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान कई समस्याएं हो सकती हैं। इससे बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है। इसके अलावा, मृत जन्म, यानी गर्भपात का खतरा अधिक होता है। वहीं, शोध से पता चलता है कि डेल्टा वेरिएंट संक्रमण के बाद जोखिम लगभग चार गुना बढ़ जाता है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र का विश्लेषण मार्च 2020 और सितंबर 2021 के बीच एक प्रमुख अमेरिकी अस्पताल में 1.2 मिलियन प्रसव पर आधारित था।

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शोध के अनुसार, कोरोनरी माताओं द्वारा मृत जन्म के मामले अत्यंत दुर्लभ थे। औसत दर 0.65 प्रतिशत थी। हालांकि, डेल्टा वेरिएंट से पहले स्टिलबर्थ कोरोना से संक्रमित माताओं में 1.47 गुना अधिक आम था। डेल्टा संस्करण के बाद, यह कुल मिलाकर 4.04 गुना अधिक और 1.90 गुना अधिक था। शोधकर्ताओं के अनुसार, "पिछले शोध ने सुझाव दिया है कि बढ़े हुए जोखिम का संभावित जैविक कारण गर्भनाल की सूजन या रक्त के प्रवाह में कमी का परिणाम हो सकता है।" कोरोना पीड़ित माताओं की डिलीवरी अधिक जटिल होती है, जिससे कई समस्याएं हो सकती हैं। इसके बारे में और तथ्यों की जांच करना जरूरी है। इसलिए इस पर और शोध की जरूरत है।"

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