कैसे Waste होती है Corona Vaccine, हर एक चीज समझें यहाँ
देश में हर एक दिन कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया भी जोरों से चल रही है। लेकिन आए दिन वैक्सीन के बर्बाद होने की खबरें भी सुनने को मिलती है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर वैक्सीन बर्बाद कैसे होती है? आखिर इसे लोगों को लगा क्यों नहीं दिया जाता ?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक टीके की बर्बादी तमिलनाडु में हुई है। इसके अलावा असम, हरियाणा, पंजाब, बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, गुजरात और मध्य प्रदेश में भी काफी वैक्सीन बर्बाद हुई है।
आखिर कैसे बर्बाद हो जाती है वैक्सीन?
वैक्सीन की एक शीशी में 10 या 20 डोज वैक्सीन होती है। शीशी खुलने के 4 घंटे के भीतर इनका प्रयोग करना होता है। अगर 4 घंटे में इसका इस्तेमाल ना हो तो बाकी की सारी डोज वेस्ट चली जाती है। दरअसल, वैक्सीन सेंटर पर शाम के समय अगर कोई शीशी खुल जाती है और 10 या 20 लोग टीका लगाने नहीं पहुंचते हैं तो बाकी का बचा टीका फेंकना पड़ता है.
देश में अभी कोवैक्सीन और कोविशील्ड, दो कोरोना रोधी टीके लगाए जा रहे हैं। रूस की वैक्सीन स्पूतनिक-V को भी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। इसका वैक्सीनेशन भी जल्द शुरू होगा।